विश्व खाद्य दिवस (World Food Day): क्यों, कब और कैसे? इतिहास, महत्व और 'जीरो हंगर' का सपना

  

विश्व खाद्य दिवस (World Food Day): क्यों, कब और कैसे? इतिहास, महत्व और 'जीरो हंगर' का सपना




लेख: विश्व खाद्य दिवस (World Food Day): क्यों, कब और कैसे? इतिहास, महत्व और 'जीरो हंगर' का सपना

प्रस्तावना: भोजन जो सिर्फ पेट नहीं, जीवन भरता है

क्या आपने कभी शांति से बैठकर यह सोचा है कि आपकी थाली में परोसा गया भोजन सिर्फ एक भोजन नहीं, बल्कि एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र, लाखों किसानों की मेहनत और प्रकृति का अनमोल वरदान है? हम अक्सर इसे बहुत हल्के में ले लेते हैं। लेकिन दुनिया में एक बहुत बड़ी आबादी है जिसके लिए दो वक्त का भरपेट भोजन आज भी एक सपना है। इसी कड़वी सच्चाई को याद दिलाने, खाद्य सुरक्षा के महत्व को समझाने और भुखमरी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए हर साल एक दिन समर्पित किया गया है - विश्व खाद्य दिवस (World Food Day)

यह सिर्फ एक दिवस या कोई उत्सव नहीं, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन है। यह एक मौका है सरकारों, संगठनों और हम जैसे आम नागरिकों के लिए रुककर सोचने का, विश्लेषण करने का और कार्रवाई करने का। आइए, इस लेख में हम विश्व खाद्य दिवस की गहराई में उतरते हैं, इसके इतिहास की परतों को खोलते हैं, वर्तमान आंकड़ों की भयावहता को समझते हैं और यह जानते हैं कि 'जीरो हंगर' का सपना कैसे साकार हो सकता है।

विश्व खाद्य दिवस क्या है और यह कब मनाया जाता है?

हर साल 16 अक्टूबर को दुनिया भर में विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization - FAO) की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। FAO की स्थापना 16 अक्टूबर, 1945 को हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर भुखमरी को मिटाना और कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना था।

इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में भुखमरी, कुपोषण और गरीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि भोजन एक मौलिक मानवाधिकार है, कोई विशेषाधिकार नहीं।

इतिहास के पन्नों से: विश्व खाद्य दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

विश्व खाद्य दिवस का विचार पहली बार 1970 के दशक के अंत में आया। FAO के सदस्य देशों ने नवंबर 1979 में संगठन के 20वें आम सम्मेलन में विश्व खाद्य दिवस की स्थापना का प्रस्ताव रखा। हंगरी के प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व पूर्व कृषि और खाद्य मंत्री डॉ. पाल रोमानी ने किया था, ने इस विचार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया और 150 से अधिक देशों ने इसे मनाने का संकल्प लिया। पहला विश्व खाद्य दिवस 16 अक्टूबर, 1981 को मनाया गया। तब से लेकर आज तक, यह दिन हर साल एक नई थीम (विषय) के साथ मनाया जाता है, जो खाद्य सुरक्षा से जुड़े किसी विशेष पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है।

इसका उद्देश्य सिर्फ FAO की स्थापना का जश्न मनाना नहीं था, बल्कि दुनिया का ध्यान कृषि और खाद्य उत्पादन से जुड़ी गंभीर समस्याओं की ओर आकर्षित करना था।

विश्व खाद्य दिवस के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

इस वैश्विक आयोजन के पीछे कुछ स्पष्ट और महत्वपूर्ण लक्ष्य हैं:

  1. भुखमरी के खिलाफ कार्रवाई को प्रोत्साहित करना: दुनिया भर की सरकारों और संस्थानों को भुखमरी और गरीबी से लड़ने के लिए नीतियां और निवेश करने के लिए प्रेरित करना।

  2. खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता: आम जनता को यह समझाना कि खाद्य सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है और कुपोषण के क्या विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

  3. कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना: विकासशील देशों में कृषि को बढ़ावा देने और किसानों को बेहतर तकनीक, संसाधन और समर्थन प्रदान करने पर जोर देना।

  4. ग्रामीण आबादी पर ध्यान केंद्रित करना: दुनिया के अधिकांश भूखे लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। यह दिन उनकी समस्याओं, विशेष रूप से महिला किसानों की भूमिका पर प्रकाश डालता है।

  5. अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता: भुखमरी के खिलाफ लड़ाई में विकसित और विकासशील देशों के बीच सहयोग और एकजुटता को मजबूत करना।

  6. भोजन की बर्बादी के खिलाफ अभियान: लोगों को भोजन की बर्बादी के प्रति संवेदनशील बनाना और इसे रोकने के लिए प्रेरित करना।

चौंकाने वाले आंकड़े: वैश्विक भुखमरी का डरावना चेहरा

जब हम आंकड़ों पर नजर डालते हैं, तो समस्या की गंभीरता का एहसास होता है। यह सिर्फ संख्याएं नहीं हैं, बल्कि इंसानी जिंदगियों की कहानियां हैं।

  • संयुक्त राष्ट्र (UN) की "The State of Food Security and Nutrition in the World, 2024" रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में लगभग 78.3 करोड़ लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ा। यह दुनिया की आबादी का लगभग 9.2% है।

  • दुनिया भर में 2.4 अरब से अधिक लोगों को नियमित रूप से पौष्टिक और पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता है।

  • कुपोषण: 5 साल से कम उम्र के लगभग 14.8 करोड़ बच्चे स्टंटिंग (उम्र के हिसाब से कम कद) से और 4.5 करोड़ बच्चे वेस्टिंग (कद के हिसाब से कम वजन) से पीड़ित हैं।

  • भोजन की बर्बादी: एक तरफ लोग भूखे हैं, तो दूसरी तरफ दुनिया भर में उत्पादित कुल भोजन का लगभग एक-तिहाई (1/3) हिस्सा बर्बाद हो जाता है या खराब हो जाता है। यह बर्बाद हुआ भोजन अरबों भूखे लोगों का पेट भर सकता है।

  • संघर्ष और भुखमरी का नाता: भुखमरी का सामना कर रहे 70% से अधिक लोग उन देशों में रहते हैं जो युद्ध और संघर्ष से प्रभावित हैं।

ये आंकड़े हमें बताते हैं कि समस्या कितनी विकट है और हमें तत्काल और ठोस कदमों की जरूरत है।

भारत के संदर्भ में खाद्य सुरक्षा: चुनौतियाँ और पहल

भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के बावजूद, भुखमरी और कुपोषण की चुनौती से जूझ रहा है।

  • ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI): हाल के वर्षों में GHI में भारत की रैंकिंग चिंता का विषय रही है, जो देश में कुपोषण और खाद्य असुरक्षा की गंभीर स्थिति को दर्शाती है।

  • चुनौतियाँ:

    • जलवायु परिवर्तन: अनियमित मानसून, सूखा और बाढ़ जैसी घटनाएं कृषि उपज को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही हैं, जिससे छोटे और सीमांत किसान सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

    • आपूर्ति श्रृंखला में कमी: अपर्याप्त भंडारण सुविधाओं और परिवहन के कारण कटाई के बाद भारी मात्रा में अनाज और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं।

    • छिपी हुई भूख (Hidden Hunger): कई लोगों को पेट भरने के लिए कैलोरी तो मिल जाती है, लेकिन उनके भोजन में आवश्यक विटामिन और खनिजों (माइक्रोन्यूट्रिएंट्स) की कमी होती है, जिससे कुपोषण होता है।

  • सरकारी पहल: भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं:

    • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013: इसे "भोजन का अधिकार" कानून भी कहा जाता है। इसके तहत देश की लगभग दो-तिहाई आबादी को रियायती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है।

    • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS): यह दुनिया के सबसे बड़े खाद्य वितरण नेटवर्क में से एक है, जो गरीबों तक अनाज पहुँचाता है।

    • मिड-डे मील योजना (अब PM-POSHAN): यह योजना स्कूलों में बच्चों को पका हुआ पौष्टिक भोजन प्रदान करती है, जिससे न केवल उनका पोषण स्तर सुधरता है बल्कि स्कूल में उनकी उपस्थिति भी बढ़ती है।

    • पोषण अभियान: यह कुपोषण को दूर करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण वाला मिशन है।

इन योजनाओं के बावजूद, कार्यान्वयन के स्तर पर अभी भी कई चुनौतियाँ हैं जिन्हें दूर करना आवश्यक है।

विश्व खाद्य दिवस की वार्षिक थीम: एक केंद्रित दृष्टिकोण

हर साल विश्व खाद्य दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है ताकि किसी एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर दुनिया का ध्यान केंद्रित किया जा सके। उदाहरण के लिए, कुछ पिछली थीम इस प्रकार रही हैं:

  • 2023: "जल ही जीवन है, जल ही भोजन है। किसी को पीछे न छोड़ें।" (Water is life, water is food. Leave no one behind.) - इस थीम ने पानी के महत्व और खाद्य उत्पादन में इसके कुशल प्रबंधन पर जोर दिया।

  • 2022: "किसी को पीछे न छोड़ें।" (Leave NO ONE behind.)

  • 2021: "एक स्वस्थ कल के लिए आज का सुरक्षित भोजन।" (Safe food now for a healthy tomorrow.)

ये थीम हमें याद दिलाती हैं कि खाद्य सुरक्षा एक बहुआयामी मुद्दा है जो पानी, जलवायु, समानता और स्वास्थ्य जैसे कई अन्य क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है।

हमारी भूमिका: एक व्यक्ति के तौर पर हम क्या कर सकते हैं?

भुखमरी मिटाना केवल सरकारों और बड़े संगठनों की जिम्मेदारी नहीं है। इस वैश्विक लड़ाई में हम सभी सिपाही बन सकते हैं। यहाँ कुछ सरल कदम दिए गए हैं जिन्हें हम और आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अपना सकते हैं:

  1. भोजन की बर्बादी रोकें:

    • "उतना ही लें थाली में, व्यर्थ न जाए नाली में।" अपनी भूख के अनुसार ही भोजन परोसें।

    • बचे हुए भोजन को फेंकने की बजाय उसका दोबारा उपयोग करना सीखें या किसी जरूरतमंद को दें।

    • स्मार्ट खरीदारी करें। केवल वही खरीदें जिसकी आपको जरूरत है ताकि फ्रिज में खाना खराब न हो।

  2. स्थानीय किसानों का समर्थन करें:

    • अपने स्थानीय बाजार से सब्जियां और फल खरीदें। इससे न केवल किसानों को सीधे तौर पर फायदा होता है, बल्कि आपको ताजा और पौष्टिक भोजन भी मिलता है।

  3. पौष्टिक और सतत भोजन अपनाएं:

    • अपने आहार में विविधता लाएं। मोटे अनाज (बाजरा, रागी, ज्वार) जैसे पारंपरिक और पौष्टिक विकल्पों को शामिल करें जो कम पानी में उगते हैं और पर्यावरण के लिए बेहतर हैं।

  4. जागरूकता फैलाएं:

    • अपने परिवार, दोस्तों और सोशल मीडिया पर खाद्य सुरक्षा, भुखमरी और भोजन की बर्बादी के बारे में बात करें। ज्ञान साझा करना बदलाव की दिशा में पहला कदम है।

  5. संसाधनों का सम्मान करें:

    • पानी बचाएं। याद रखें, कृषि में भारी मात्रा में पानी का उपयोग होता है। पानी की हर बूंद बचाकर हम अप्रत्यक्ष रूप से खाद्य उत्पादन में मदद करते हैं।

निष्कर्ष: एक संकल्प 'जीरो हंगर' के लिए

विश्व खाद्य दिवस सिर्फ कैलेंडर पर एक तारीख नहीं है; यह एक आईना है जो हमें वैश्विक असमानता की तस्वीर दिखाता है। यह एक अवसर है यह याद करने का कि जब दुनिया का एक हिस्सा भोजन फेंक रहा होता है, तो दूसरा हिस्सा उसी भोजन के लिए तरस रहा होता है।

'जीरो हंगर' या शून्य भुखमरी का लक्ष्य महत्वाकांक्षी लग सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। इसके लिए सतत कृषि, बेहतर खाद्य वितरण प्रणाली, भोजन की बर्बादी को कम करने और सबसे महत्वपूर्ण, एक वैश्विक राजनीतिक और सामाजिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।

आइए, इस विश्व खाद्य दिवस पर हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम भोजन का सम्मान करेंगे, उसे बर्बाद नहीं करेंगे और उन नीतियों का समर्थन करेंगे जो यह सुनिश्चित करती हैं कि दुनिया में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। क्योंकि भोजन सिर्फ ऊर्जा का स्रोत नहीं है, यह सम्मान, संस्कृति और जीवन का आधार है। हर किसी को इसका अधिकार मिलना ही चाहिए।




विश्व खाद्य दिवस: महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: विश्व खाद्य दिवस प्रत्येक वर्ष कब मनाया जाता है?

उत्तर: विश्व खाद्य दिवस प्रत्येक वर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाता है।

प्रश्न 2: 16 अक्टूबर को ही विश्व खाद्य दिवस के रूप में क्यों चुना गया?

उत्तर: क्योंकि इसी दिन, 16 अक्टूबर 1945 को, संयुक्त राष्ट्र के 'खाद्य और कृषि संगठन' (Food and Agriculture Organization - FAO) की स्थापना हुई थी। यह दिन FAO की स्थापना की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

प्रश्न 3: खाद्य और कृषि संगठन (FAO) का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: FAO का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर भुखमरी को मिटाना, कृषि को बढ़ावा देना और सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

प्रश्न 4: पहला विश्व खाद्य दिवस किस वर्ष मनाया गया था?

उत्तर: पहला विश्व खाद्य दिवस वर्ष 1981 में मनाया गया था।

प्रश्न 5: 'जीरो हंगर' (Zero Hunger) से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: 'जीरो हंगर' एक वैश्विक लक्ष्य है जिसका अर्थ है दुनिया से भुखमरी को पूरी तरह से समाप्त करना, ताकि हर व्यक्ति को हर समय पर्याप्त और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो सके।

प्रश्न 6: लेख में दिए गए संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में दुनिया में लगभग कितने लोग भुखमरी से पीड़ित थे?

उत्तर: लेख के अनुसार, वर्ष 2023 में दुनिया में लगभग 78.3 करोड़ लोग भुखमरी से पीड़ित थे।

प्रश्न 7: भोजन की बर्बादी पर वैश्विक आंकड़ा क्या है?

उत्तर: दुनिया भर में उत्पादित कुल भोजन का लगभग एक-तिहाई (1/3) हिस्सा बर्बाद हो जाता है या खराब हो जाता है।

प्रश्न 8: भारत में "भोजन का अधिकार" किस कानून के तहत सुनिश्चित किया गया है?

उत्तर: भारत में "भोजन का अधिकार" राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत सुनिश्चित किया गया है।

प्रश्न 9: भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही दो प्रमुख खाद्य सुरक्षा योजनाओं के नाम लिखिए।

उत्तर: भारत सरकार की दो प्रमुख खाद्य सुरक्षा योजनाएं हैं:

  1. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)

  2. पीएम-पोषण योजना (जिसे पहले मिड-डे मील योजना कहा जाता था)

प्रश्न 10: कुपोषण के दो प्रमुख प्रकार कौन से हैं जिनका लेख में उल्लेख किया गया है?

उत्तर: लेख में कुपोषण के दो प्रमुख प्रकारों का उल्लेख है:

  1. स्टंटिंग (Stunting): उम्र के हिसाब से कद का कम होना।

  2. वेस्टिंग (Wasting): कद के हिसाब से वजन का कम होना।

प्रश्न 11: 'छिपी हुई भूख' (Hidden Hunger) किसे कहते हैं?

उत्तर: 'छिपी हुई भूख' वह स्थिति है जब किसी व्यक्ति को पेट भरने के लिए पर्याप्त कैलोरी तो मिलती है, लेकिन उसके भोजन में विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होती है, जिससे उसका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है।

प्रश्न 12: विश्व खाद्य दिवस 2023 की थीम (विषय) क्या थी?

उत्तर: विश्व खाद्य दिवस 2023 की थीम थी - "जल ही जीवन है, जल ही भोजन है। किसी को पीछे न छोड़ें।" (Water is life, water is food. Leave no one behind.)

प्रश्न 13: खाद्य सुरक्षा में एक आम नागरिक कैसे योगदान दे सकता है? कोई दो उपाय बताइए।

उत्तर: एक आम नागरिक निम्नलिखित तरीकों से योगदान दे सकता है:

  1. भोजन की बर्बादी को रोककर, जैसे थाली में उतना ही भोजन लेना जितनी आवश्यकता हो।

  2. स्थानीय किसानों से सीधे उत्पाद खरीदकर उन्हें आर्थिक रूप से समर्थन देना।

प्रश्न 14: विश्व खाद्य दिवस की स्थापना का प्रस्ताव किस देश के प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुखता से रखा था?

उत्तर: विश्व खाद्य दिवस की स्थापना का प्रस्ताव हंगरी के प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुखता से रखा था।

प्रश्न 15: संघर्ष और भुखमरी के बीच क्या संबंध है?

उत्तर: संघर्ष और भुखमरी के बीच गहरा संबंध है। लेख के अनुसार, भुखमरी का सामना कर रहे 70% से अधिक लोग उन देशों में रहते हैं जो युद्ध और संघर्ष से प्रभावित हैं, क्योंकि संघर्ष के कारण कृषि, खाद्य आपूर्ति और आर्थिक गतिविधियां बाधित हो जाती हैं।



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