गुरु नानक देव जयंती 2025 — इतिहास, महत्व, परंपराएँ और 5 नवंबर 2025 के आयोजनों का पूरा विवरण


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गुरु नानक देव जयंती (Gurpurab) का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक इतिहास, तिथियाँ, परंपराएँ, 2025 में जयंती की तारीख और टाइमिंग, प्रमुख गुरुद्वारों के आयोजन और रोचक तथ्य — एक संपूर्ण मार्गदर्शिका जिनके जरिए आपकी वेबसाइट Google पर बेहतर रैंक कर सकती है। 


लेख — परिचय (Intro)

गुरु नानक देव जी सिख धर्म के प्रथम गुरु और आध्यात्मिक प्रेरक थे। उनका जीवन, उपदेश और समाज के प्रति उनकी सोच आज भी लाखों लोगों के लिए मार्गदर्शक है। हर साल उनकी जयंती — जिसे गुरपुरब या गुरु नानक जयंती कहा जाता है — बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। यह लेख गुरु नानक देव जी के जन्म, उनकी शिक्षाओं, जयंती के इतिहास, परंपराओं और 2025 के आयोजन—समेत समसामयिक जानकारियों का विस्तृत संग्राहक है। (नीचे दिए गए महत्वपूर्ण तथ्यों के स्रोत क्रमशः Britannica, Wikipedia, IndiaTimes, DrikPanchang और AP News पर आधारित हैं). (Encyclopedia Britannica)


गुरु नानक देव — जीवन का सार (Brief Biography & Core Teachings)

गुरु नानक देव का जन्म 1469 ईस्वी में हुआ। परंपरागत स्रोतों के अनुसार उनका जन्म गाँव 'राय भोई दी तलवंडी' (आधुनिक Nankana Sahib, पाकिस्तान) में हुआ था — जिसे आज ननकाना साहिब कहा जाता है। कई ऐतिहासिक ग्रन्थ और जनमसाखियाँ उनके बचपन, यात्राओं (ਉਪਦੇਸ਼-ਭਰਿਆ ਤੀਰਥਯਾਤਰਾ / ਪ੍ਰਸਾਦ) और उपदेशों का वर्णन करती हैं। उनकी शिक्षाएँ—"एक ईश्वर (Ik Onkar), नाम स्मरण, कीर्तन, सेवा (Seva) और समता (Equality)"—सिख धर्म के मूल सिद्धांत हैं। (Encyclopedia Britannica)

मुख्य उपदेश (core messages):

  • ईश्वर एक है — जाति-धर्म-लिंग की दीवारें नहीं।

  • कबीर वाणी वाली सादगी: भक्ति और कर्म का समन्वय।

  • पक्षपात और अंधविश्वास का खंडन, और सामाजिक न्याय पर ज़ोर।

  • 'लंगर' (सामुदायिक भोजन) — सबको समान भोजन व सेवा का प्रतीक।


जन्म-तिथि: इतिहास और कैलेंडर मतभेद

गुरु नानक के जन्म के बारे में दो मुख्य परंपराएँ हैं:

  1. पारंपरिक जनमसाखियों के अनुसार वैसाख महीने (अप्रैल) में जन्म — 15 अप्रैल 1469 का ज़िक्र मिलता है।

  2. बाद की परंपरा ने जन्म को कत्तक (Kartik) पूर्णिमा यानी अक्तूबर–नवंबर की पूर्णिमा से जोड़ा। आधुनिक आयोजन अधिकांश स्थानों पर कत्तक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर मनाए जाते हैं — यही कारण है कि गुरुपुरब की तिथि हर साल चन्द्र-based (lunar) कैलेंडर के अनुसार बदलती है। (Wikipedia)

नोट (महत्त्वपूर्ण): 1999 में नानकशाही सौर कैलेंडर पेश किया गया जो 14 अप्रैल के आसपास गुरु नानक का जन्मस्थानिक स्मरण रखता है; परंतु पारंपरिक धार्मिक निकाय (जैसे SGPC) ने अंततः कत्तक पूर्णिमा पर मनाना प्राथमिक रखा, इसलिए आज अधिकांश सिख समुदाय Kartik Purnima पर जश्न मनाते हैं। (Wikipedia)


गुरु नानक जयंती (Gurpurab) — तारीख 2025 और टाइमिंग

  • 2025 में गुरु नानक जयंती (Gurpurab) कार्तिक पूर्णिमा के दिन पड़ रही है — बुधवार, 5 नवंबर 2025। यह दिन गुरु नानक के 556वें जन्मोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। (तिथियाँ स्थानीय पंचांग और स्थान के अनुसार समय-सीमा में कुछ छोटे अंतर के साथ बदल सकती हैं — उदाहरण: प्यूर्णिमा तिथि की शुरुआत/समाप्ति का समय अलग हो सकता है)। (Indiatimes)

नोट: पंचांग-आधारित तिथियों के सटीक "तिथि-समय" (Purnima tithi begin/end) शहर और पंचांग पर निर्भर करते हैं; इसलिए सिर्फ़ तारीख पर भरोसा करने के साथ स्थानीय गुरुद्वारे/पंचांग से औपचारिक टाइमिंग भी देखें। (Drik Panchang)


इतिहास: गुरु नानक जयंती कब और कैसे स्थापित हुआ

गुरु नानक के जन्मस्थल पर श्रद्धालुओं ने सदियों से श्रद्धांजलि दी। उस जश्न के संगठित रूप का रिकॉर्ड 19वीं सदी में स्पष्ट दिखता है — विशेषकर 1868 के आसपास ननकाना साहिब में बड़े आयोजन होने की जानकारी मिलती है। 20वीं सदी में जब सिख संस्थागत आकार लेने लगे (जैसे SGPC), तब Gurpurab मनाने की परंपरा और संगठित हुई और देश-विदेश के गुरुद्वारों में बड़े स्तर पर परोपकार, कीर्तन और लंगर की व्यवस्था प्रारम्भ हुई। (Wikipedia)


जश्न और परंपराएँ — कैसे मनाते हैं लोग?

गुरु नानक जयंती सिख धर्म का सबसे बड़ा त्योहारों में से एक है। प्रमुख परंपराएँ निम्नानुसार हैं:

  1. प्रभात फेरियाँ (Prabhat Pheris): सुबह-सुबह शबद-कीर्तन और भजन के साथ गलियों में शोरगुल किए बिना धार्मिक जुलूस निकाले जाते हैं।

  2. कीर्तन और पाठ: गुरुद्वारों में पूरी रात गुरबाणी (Guru Granth Sahib) का पाठ, कीर्तन और अरदास चलता है।

  3. लंगर: सामूहिक भोजन — भेदभाव से परे — सबसे महत्त्वपूर्ण रीति है; लाखों लोगों को मुफ्त भोजन दिया जाता है।

  4. शबद कीर्तन व अखंड पाठ: गुरुद्वारे और समुदायों में शबद गायन और अखंड पाठ होते हैं।

  5. यात्राएँ और तीर्थ-स्थान: ननकाना साहिब (Pakistan), करतापुर/करतारपुर साहिब कॉरिडोर, अमृतसर (स्वर्ण मंदिर), पटना साहिब — ये प्रमुख तीर्थ-स्थल हैं जहाँ श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। 2024–25 के आयोजनों में हजारों श्रद्धालुओं की यात्राएँ और एक विशेष अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव देखे गए। (Wikipedia)


आधुनिक समय में जयंती — सामाजिक और राजनैतिक आयाम

गुरुपुरब केवल धार्मिक उत्सव नहीं — यह सामाजिक एकता, सेवा और सांस्कृतिक संवाद का भी माध्यम है। विशेष तौर पर:

  • सामुदायिक सेवा (Seva) और सामाजिक पहल: कई गुरुद्वारे और सिख संस्थाएं स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान और राहत कार्यों के रूप में जयंती का उपयोग करती हैं।

  • पर्यटन और अर्थव्यवस्था: बड़े गुरुद्वारों वाले शहरों में तीर्थयात्रा से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलता है — आवास, भोजन और परिवहन—इस प्रकार त्योहार का स्थानीय व्यापार पर असर भी पड़ता है।

  • अंतरराष्ट्रीय-राजनीतिक आयाम: पाकिस्तान के ननकाना साहिब और करतारपुर कॉरिडोर जैसी पहलें भारत-पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्रा के स्तर पर संवाद का माध्यम बनी हैं; 2019 के बाद से करतारपुर कॉरिडोर ने श्रद्धालुओं के लिए सुविधा बढ़ाई है। पर ये आयोजनों के दौरान भी दोनों देशों के राजनैतिक माहौल पर निर्भर करते हैं। (AP News)


रोचक तथ्य (Quick Facts)

  • गुरु नानक का जन्म वर्ष: 1469 (विस्तृत स्रोत: ऐतिहासिक जनमसाखियाँ व आधुनिक अध्ययन)। (Encyclopedia Britannica)

  • गुरु नानक जयंती पारंपरिक रूप से Kartik Purnima (कत्तक पूर्णिमा) पर मनाई जाती है। (Wikipedia)

  • 2025 में गुरुपुरब: 5 नवंबर 2025 (Kartik Purnima)। (Indiatimes)



FAQs (प्रश्न एवं संक्षिप्त उत्तर) — (Use FAQ schema)

Q1. गुरु नानक जयंती कब मनाई जाती है?
A1. परंपरागत रूप से कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर मनाई जाती है; 2025 में यह 5 नवंबर को है। (Indiatimes)

Q2. गुरु नानक का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
A2. गुरु नानक का जन्म 1469 ई. में राय भोई दी तलवंडी (अब Nankana Sahib, पाकिस्तान) में हुआ था; कुछ परंपराएँ वैसाख (अप्रैल) बताती हैं जबकि आयोजक परंपरा कत्तक पूर्णिमा पर मनाती है। (Encyclopedia Britannica)

Q3. गुरुपुरब पर क्या करें — परिवार के साथ कैसे भाग लें?
A3. गुरुद्वारों में कीर्तन सुनें, लंगर में सेवा करें, प्रभात फेरी में भाग लें और गुरु ग्रंथ साहिब का सत्कार करें। भीड़ से बचने के लिए स्थानीय गुरुद्वारे के समय जान लें और चेन्ज-लैन/डोनेशन का विकल्प चुनें।

Q4. क्या बाहर के धर्मावलम्बी भी गुरुपुरब में भाग ले सकते हैं?
A4. बिल्कुल — गुरुपुरब भक्ति, सेवा और समता का पर्व है; सभी का स्वागत है।



गुरु नानक देव जयंती के ऊपर लिखे गए विस्तृत लेख के अनुसार नीचे 30 अति महत्वपूर्ण प्रश्न (MCQ व सामान्य प्रश्न) तैयार किए गए हैं — ये प्रश्न परीक्षा, निबंध, GK, प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे UPSC, SSC, State PSC, NET, आदि) या स्कूल/कॉलेज के लिए उपयोगी हैं।

हर प्रश्न के साथ सटीक उत्तर (Answer) भी दिया गया है।


🌟 गुरु नानक देव जयंती — 30 अति महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (Exam Oriented)


1. गुरु नानक देव जी का जन्म कब हुआ था?

उत्तर: 15 अप्रैल 1469 ईस्वी में राय भोई दी तलवंडी (अब ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में।


2. गुरु नानक देव जी के जन्मस्थान का वर्तमान नाम क्या है?

उत्तर: ननकाना साहिब (Nankana Sahib), पाकिस्तान।


3. गुरु नानक देव जयंती किस तिथि को मनाई जाती है?

उत्तर: कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन।


4. वर्ष 2025 में गुरु नानक जयंती कब मनाई जाएगी?

उत्तर: बुधवार, 5 नवंबर 2025 को।


5. गुरु नानक देव जी सिख धर्म के कितनेवें गुरु थे?

उत्तर: सिख धर्म के प्रथम गुरु (First Guru)।


6. गुरु नानक देव जी के प्रमुख उपदेशों में से कौन-सा सबसे प्रमुख है?

उत्तर: “एक ओंकार” (Ik Onkar) — ईश्वर एक है।


7. गुरु नानक देव जी के पिता का नाम क्या था?

उत्तर: मेहता कालू जी।


8. गुरु नानक देव जी की माता का नाम क्या था?

उत्तर: माता तृप्ता जी।


9. गुरु नानक देव जी के पत्नी का नाम क्या था?

उत्तर: माता सुलखनी जी।


10. गुरु नानक देव जी के दो पुत्रों के नाम क्या थे?

उत्तर: श्रीचंद और लखमीदास।


11. गुरु नानक देव जी ने किस विचारधारा का प्रचार किया?

उत्तर: समानता, सेवा, नाम-स्मरण और एकेश्वरवाद का प्रचार।


12. गुरु नानक देव जी के उपदेशों का मुख्य सार किस शब्द में निहित है?

उत्तर: “नाम, दान और ईमान” — अर्थात ईश्वर का स्मरण, सेवा और सत्यनिष्ठा।


13. गुरु नानक देव जी द्वारा शुरू की गई सामूहिक भोजन की परंपरा क्या कहलाती है?

उत्तर: लंगर।


14. गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को किस ग्रंथ में संकलित किया गया है?

उत्तर: गुरु ग्रंथ साहिब।


15. गुरु नानक देव जी के अनुयायियों की प्रमुख पहचान क्या है?

उत्तर: सिख (Sikh)।


16. गुरु नानक जयंती को अन्य किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर: गुरुपुरब (Gurpurab)।


17. गुरु नानक देव जी ने जीवन में कितनी यात्राएँ कीं?

उत्तर: चार प्रमुख यात्राएँ (Udasis), जो भारत और विदेशों के अनेक स्थानों तक हुईं।


18. गुरु नानक देव जी के प्रमुख शिष्य का नाम क्या था?

उत्तर: भाई मरदाना जी।


19. गुरु नानक देव जी ने किस धर्म का विरोध किया?

उत्तर: किसी धर्म का विरोध नहीं किया, परंतु अंधविश्वास, पाखंड और जाति भेद का विरोध किया।


20. गुरु नानक देव जी के निधन (ज्योति ज्योत समाना) की तिथि क्या थी?

उत्तर: 22 सितंबर 1539 ईस्वी।


21. गुरु नानक देव जी की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी गुरु कौन बने?

उत्तर: गुरु अंगद देव जी।


22. गुरु नानक देव जी के समय में भारत का प्रमुख शासक कौन था?

उत्तर: सिकंदर लोदी (दिल्ली का सुल्तान)।


23. गुरु नानक देव जयंती किस महीने में मनाई जाती है?

उत्तर: कार्तिक (Kattak / Kartik) महीने में।


24. गुरु नानक देव जी के उपदेशों में 'किरत करो' का क्या अर्थ है?

उत्तर: ईमानदारी से मेहनत कर अपना जीवनयापन करना।


25. गुरु नानक देव जी के उपदेशों में 'नाम जपो' का क्या अर्थ है?

उत्तर: ईश्वर के नाम का स्मरण और ध्यान करना।


26. गुरु नानक देव जी के उपदेशों में 'वंड छको' का क्या अर्थ है?

उत्तर: जो भी कमाओ, उसे दूसरों के साथ बाँटो — दान और सेवा की भावना।


27. गुरु नानक देव जयंती के अवसर पर निकलने वाले धार्मिक जुलूस को क्या कहा जाता है?

उत्तर: प्रभात फेरी।


28. गुरु नानक देव जयंती पर कौन-सी विशेष पूजा या पाठ किया जाता है?

उत्तर: अखंड पाठ (Guru Granth Sahib का निरंतर पाठ) और शबद कीर्तन।


29. गुरु नानक देव जी के उपदेशों का आधुनिक समाज पर क्या प्रभाव है?

उत्तर: समानता, सेवा, मानवता और एकता की भावना को मजबूत किया।


30. गुरु नानक देव जयंती के अवसर पर किस प्रकार की सामुदायिक गतिविधियाँ होती हैं?

उत्तर: लंगर, प्रभात फेरी, कीर्तन, रक्तदान शिविर, गरीबों की सहायता, और सामाजिक सेवा।


संक्षिप्त पुनरावलोकन (Quick Recap for Revision):

विषय प्रमुख तथ्य
जन्म 15 अप्रैल 1469, ननकाना साहिब
पिता मेहता कालू जी
माता माता तृप्ता जी
पत्नी माता सुलखनी जी
पुत्र श्रीचंद, लखमीदास
मृत्यु 22 सितंबर 1539
गुरु जयंती कार्तिक पूर्णिमा
2025 की तिथि 5 नवंबर 2025
प्रमुख उपदेश नाम जपो, किरत करो, वंड छको
सामुदायिक परंपरा लंगर
प्रमुख शिष्य भाई मरदाना जी



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